The shiv chalisa in hindi Diaries
The shiv chalisa in hindi Diaries
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
शिव आरती
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
ब्रह्मा विष्णु shiv chalisa lyricsl सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया shiv chalisa lyricsl जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥